About Us
पूर्वांचल के सौन्दर्य से आभामण्डित, युगों-युगों से प्रवाहमान, तमसा, मञ्जूषा कुँवर एवं आदि गंगा गोमती के मनोरम अंक में अवस्थित, महर्षि दुर्वाषा, दत्तात्रेय, चन्द्रमा, भैरव जी एवं मौनी जी महाराज के पावन तपोभूमि तथा पण्डित राहुल सांकृत्यायन, अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध', शिब्ली नोमानी तथा कैफी आज़मी की उर्वर साहित्यिक धरती पर आजमगढ़ जनपद के मार्टीनगंज तहसील के अन्तर्गत फुलेश ग्राम के अंचल में अवस्थित 'शान्ती सेवा ट्रस्ट' द्वारा संचालित ओम प्रकाश मिश्र शिक्षण समूह एक देदीप्यमान प्रकाश स्तम्भ सदृश है जो उच्च शिक्षा के क्षेत्र में 'असतो मा सद्गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय, मृत्योर्मामृतं गमय' के शाश्वत मूल्यों का संवाहक बन अनवरत प्रगति पथ पर अग्रसर है।
Student Dataजुलाई 2012 में स्थापित ओम प्रकाश मिश्र पी. जी. कॉलेज का लक्ष्य शिक्षा के माध्यम से छात्र-छात्राओं के व्यक्तित्व विकास एवं चारित्रिक निर्माण का संवर्धन करना है जिसमें राष्ट्रीयता की भावना निहित है। शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य हमारे शाश्वत मूल्यों को विकसित करना है जो हमारी वांछित शक्तियों का विकास करते हैं। इसी आधार पर ही यह संस्थान संवेदनशीलता तथा दूरगामी दृष्टि को प्रखर करता है जो हमारी भावी पीढ़ी के सर्वागीण विकास में सहायक सिद्ध होता है। सच तो यह है किसी भी आदर्श राष्ट्र का निर्माण वहां के रहने वाले संस्कारित नागरिकों के हाथों में निहित है जिसे हमारे कल के भावी कर्णधार करने में सक्षम हैं, जिसका मुख्य आधार शिक्षा ही है और इनका वहन मुख्यतः विद्यालय ही निभा सकते हैं तथा युवा वर्ग ही भारतीय संस्कृति, राष्ट्रीयता, सामाजिकता, नैतिकता, चरित्र का निर्माण उपर्युक्त शिक्षा के माध्यम से ही कर सकते हैं।
हमारा यह महाविद्यालय छात्र-छात्राओं की प्रतिभा को विकास की ओर ले जाने के लिए सतत् प्रयत्नशील है, इसकी पूर्ति के लिए हम दृढ़ संकल्पित हैं। महान् दार्शनिक अरस्तू ने कहा था- "वह कोई भी प्रयास छोड़ना नहीं है जो हमारे भीतर के सर्वोत्तम को अभीष्ट की ओर ले जाता है।'
शिक्षा वर्तमान एवं भविष्य के निर्माण का अनुपम मार्ग है, हम छात्र-छात्राओं को शिक्षित कर इसे प्राप्त कर सकते है और विद्यालय ही इसकी पूर्ति का सर्वोत्तम माध्यम है। यह महाविद्यालय संस्थागत विभिन्न विषयों से आच्छादित अगणित गतिविधियों का अनवरत संचालन करता रहता है। हमारी यही शुभेच्छा है कि हमारे छात्र-छात्राओं का चारित्रिक एवं बौद्धिक विकास इस तरह हो, जो समाज में मानवीय गुणों को स्थापित करने में सदैव अग्रणी रहें।